आरक्षण में भी कोटा दिए जाने के आदेश का विरोध, 21 को बन्द का आह्वान
0 सुप्रीम कोर्ट ने सीमा से परे जाकर सरकार को आदेशित किया : कंवर
कोरबा। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण वर्ग का उपवर्गीकरण (क्रिमीलेयर) करने के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है। कोरबा जिले में भी बंद को सफल बनाया जाएगा। दुकानों, कार्यालयों व मार्गों पर आवाजाही बंद कराएंगे, ताकि विरोध की आवाज सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सके।
उक्त बातें कोरबा प्रेस क्लब तिलक भवन में आहूत पत्रवार्ता में संयुक्त आयोजन समिति के अध्यक्ष शिवनारायण सिंह कंवर ने कही। श्री कंवर ने कहा कि कोरबा बंद को लेकर बैठक हो चुकी है और पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि आरक्षण पर आरक्षण लागू होता है, उनको हटा देंगे इससे आरक्षण व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं मिलेगा। 500 साल से समाज के लोग दबे कुचले हैं, 70-75 साल में कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरबा बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ कर अन्य बंद कराए जाएंगे। कार्यकारिणी अध्यक्ष सुनील पाटले ने कहा कि जो सुप्रीम कोर्ट ने किया उसका अधिकार ही नहीं है। कोर्ट ने सीमा से परे जाकर सरकार को आदेशित किया है, इससे सामाजिक दूरी बढ़ेगी। सरकार की मंशा भाई चारे को नुकसान पहुंचाना है। आरपी खांडे ने कहा कि 1 अगस्त को 7 जजों की बेंच ने क्रिमीलेयर का निर्णय लाया है, जबकि 1994 में 5 जजों की बेंच ने क्रिमीलेयर नहीं लाया जा कहा था। उन्होंने कहा कि समाज में अभी भी सामाजिक भेदभाव कायम है। आरक्षण सामाजिक असमानताओं पर है। रामकृष्ण चौहान ने कहा कि जिस तरह से क्रिमीलेयर लाकर ओबीसी वर्ग को तोड़ा गया उसी तरह एससी, एसटी वर्ग को तोडऩे की साजिश है। यूआर महिलांगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जो आदेश दिया है उससे समाज टूट जाएगा। प्रेसवार्ता में पदाधिकारियों ने बताया कि कोरबा महाबंद को लेकर संचालक मंडल की नियुक्ति की गई जो महाबंद को सफल बनाएंगे।