सेवानिवृत्त होते ही पेंशन अदायगी आदेश हाथों में…
तत्काल सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन प्रकरण निराकरण से कर्मचारी हुए भावुक
महासमुंद । सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद कर्मचारियों के खातों में पेंशन प्रकरण के तहत पेंशन अदायगी आदेश (पीपीओ) सहित सेवानिवृत्ति सह उपादान (जीपीओ) आदि के निराकरण से कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की है और इसे जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता के साथ किया गया पहल बताया है। 30 जून को जिले के 6 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए जिन्हें समय सीमा की बैठक में पेंशन प्रकरण से संबंधित प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर प्रभात मलिक ने फुल-माला, शॉल, श्रीफल से स्वागत किया और स्वस्थ, खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासकीय सेवक अपने जीवन के आधे से ज्यादा समय शासकीय सेवा में समर्पित रहते हैं। सेवानिवृत्ति के पश्चात यदि उन्हें समय पर पेंशन का भुगतान न हो तो पेंशनधारियों को बिना कारण के भटकना पड़ता है। यह अच्छी स्थिति नहीं होती। इसे ध्यान में रखते में हुए सेवानिवृत्ति के तत्काल पश्चात पेंशन प्रकरण देने का प्रयास किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिले के शिक्षा विभाग से यादराम साहू प्रधान पाठक, कुंदन लाल औसर प्रधान पाठक, गोविंद प्रसाद, श्रीमती मालती चंद्राकर उच्च श्रेणी शिक्षक, आदिम जाति विकास विभाग से नामित कुमार साहू सहायक ग्रेड 03, पुलिस विभाग से पुकराम बारले सहायक उपनिरीक्षक 30 जून को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के पश्चात इन्हें पीपीओ, जीपीओ और गणना पत्रक प्रदान किया गया। इस अवसर पर कुंदन लाल औसर प्रधान पाठक ने कहा 39 वर्ष 4 माह शासकीय सेवा में अपने जीवन के यादगार समय व्यतीत करने के पश्चात हम सेवानिवृत्त हुए हैं। अपने जीवनकाल में पेंशन प्रकरण का इतनी शीघ्रता से निराकरण होते नहीं देखा। उन्होंने कलेक्टर प्रभात मलिक का धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील सोच के कारण हमें दो दिन के भीतर पेंशन प्रकरण प्राप्त हो गया।
इसी तरह 42 वर्ष और 5 माह सेवा देने के पश्चात यादराम साहू प्रधान पाठक ने भी अतिशीघ्र पेंशन प्रकरण समाधान से बेहद खुश नजर आए। उच्च शिक्षिका श्रीमती मालती चंद्राकर ने कहा कि यह हमारे लिए सम्मान और गौरव का पल है कि कलेक्टर के हाथों सत्वों का भुगतान संबंधी प्रमाण पत्र दिया गया। यह पहली बार हो रहा है। शिक्षक गोविंद प्रसाद साहू के परिजन भी काफी खुश नजर आए। उन्हेंने कहा कि सामान्यतः सेवानिवृत्ति के पश्चात 3 माह से 6 माह की अवधि के पश्चात ही प्रकरण तैयार हो पाता है और कार्यालयों में भटकना पड़ता है। लेकिन कलेक्टर मलिक की सोच के कारण हमारे प्रकरणों का निपटारा हो पाया। इसी तरह अन्य कर्मचारियों ने भी प्रसन्नता जाहिर की। जिला कोषालय अधिकारी संजय चौधरी ने बताया कि विभागों द्वारा सेवानिवृत्त प्रकरण को संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन रायपुर भेजा जाता है। तीन माह पूर्व ही प्रकरण तैयार कर प्रक्रिया प्रारम्भ किया जाता है।