5 महीने में 120 नक्सली मारे गए, 375 ने हथियार डाले, सीएम साय ने जारी किए आंकड़े…
रायपुर। राज्य की विष्णु सरकार नक्सलियों के खिलाफ भी सांय-सांय काम कर रही है। बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक के बाद बड़ी सफलता मिल रही है। मुठभेड़ में लगातार नक्सली मारे जा रहे हैं। इससे नक्सलियों में भय का माहौल बन गया है। इसकी वजह से आत्मसम्पर्ण करने वालों की भी संख्या बढ़ रही है। एक दिन पहले ही बस्तर में 33 नक्सलियों सरेंडर किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर में पुलिस और सुरक्षाबलों को मिल रही सफलता के लिए बधाई दी है।
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट डाला है। इसमें सीएम साय ने 5 महीने में नक्सल मार्चों पर पुलिस को मिली सफलता बताई है। सीएम ने बताया कि 5 महीने में सुरक्षाबलों ने 120 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 153 गिरफ्तार किए गए हैं,जबकि 375 ने आत्म सम्पर्ण किया है। सीएम ने इसे 5 महीने के सुशासन का असर बताते हुए लिखा है कि नक्सलवाद को सफाया हो रहा है सांय-सांय।
केंद्रीय गृह मंत्री ने किया नक्सलवाद मुक्त करने का वादा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की जनता से बस्तर को नक्सलवाद मुक्त करने वादा किया है। शाह ने छत्तीसगढ़ की विभन्न चुनावों सभाओं में राज्य को 2 साल में नक्सल मुक्त करने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि शाह के वादे के बाद से ही बस्तर में तैनात पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स आक्रामक हो गई है। गोपनीय सूचनाओं के आधार पर बस्तर में पुलिस की तरफ से लगातार बड़े ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इससे नक्सलियों का हौसला पस्त हो गया है।
नक्सलियों की तरफ से आया शांति वार्ता का प्रस्ताव
बस्तर में फोर्स के आक्रामक रुख को देखते हुए नक्सलियों का भी हौसला पस्त होता दिख रहा है। इसी का असर है कि नक्सली शांति वार्ता का प्रस्ताव भेज रहे हैं। बताते चले कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के तुरंत बाद ही प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सली खेमे में शामिल हो चुके छत्तीसगढ़ के नव जवानों से मुख्य धारा में लौटने की अपील करते हुए बातचीत का प्रस्ताव दिया है। शर्मा ने वीडियो कॉल के जरिये भी बात करने का प्रस्ताव दे रखा है।
पुनर्वास नीति के लिए भी मांगा गया है सुझाव
बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक अभियानों के साथ ही सरकार मुख्य धारा में लौटने वाले नक्सलियों को भी मौका दे रही है। राज्य सरकार की तरफ से पहली बार नक्सलियों के लिए बनाई जा रही पुनर्वास नीति के लिए उन्हीं लोगों से सुझाव मांगा है। इसके लिए सरकार की तरफ से बकायदा गुगुल फार्म और ईमेल आईडी जारी किया गया है।