Chhattisgarh

राम राज बटोरने में नहीं, बांटने में है-आचार्यश्री मृदुलकांत शास्त्री

0 कृष्णजन्मोत्सव देखने एवं राम के शबरीधाम पहुंचने की कथा सुनने उमड़ा जनसैलाब

कोरबा। टीपी नगर स्थित आशीर्वाद प्वाइंट, पं. दीनदयाल सांस्कृतिक भवन में पितृ मोक्षार्थ गया श्राद्ध निमित्त कबुलपुरिया परिवार का श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह महोत्सव का आयोजन चल रहा है। आज चौथे दिन भागवत भूषण आचार्यश्री मृदुलकांत शास्त्री के श्रीमुख से कृष्णजन्मोत्सव, राम के शबरीधाम पहुंचने की कथा निकली, जिसे सुनने और देखने आज कथा स्थल पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। कोरबा ही नहीं बल्कि कटघोरा, छुरीकला एवं अन्य जगहों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। सबसे पहले वामन अवतार की कथा कही और भगवान नारायण के इस अवतार का महात्म्य समझाया। वामन के रूप में भगवान ने अपनी अद्भूत लीला के माध्यम से दुनिया को संदेश दिया कि मनुष्य की ऊंचाई उसके कर्म से बनती है।

रामचरित्र की कथा सुनाते आचार्यश्री ने कहा कि ब्रम्हा द्वारा लिखा गया भाग्य कभी मिटता नहीं। राम जैसे भगवान को भी कष्ट सहना पड़ा, हम तो इंसान है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने मानव रूप धरकर मानव की मर्यादा में रहकर दुनिया को संदेश दिया और कहा कि राम राज बटोरने में नहीं बल्कि बांटने में है। उन्होंने एक आदमी के कहने पर सीता को छोड़ दिया और राज धर्म को परिवार धर्म से ऊंचा रखा। राम राज में अंतिम व्यक्ति का भी सुना जाता था। उन्होंने कटाक्ष करते हुए आज की राजनीति की भत्र्सना भी की और कहा कि आज सिर्फ बटोरने का काम हो रहा है, ऐसे में रामराज की परिकल्पना कैसे साकार होगी। राम राज तो बांटने से ही आएगा और अंतिम व्यक्ति के लिए सोचने से आएगा। किस तरह भगवान राम ने शबरी की झोपड़ी में पहुंचकर अंतिम व्यक्ति को धन्य किया। बरसों से उसकी तपस्या सफल हुई। संगीतमय वातावरण होने के कारण सब… राम जी आएंगे… मेरी झोपड़ी के भाग जाग जाएंगे… की धुन पर जमकर थिरकते नजर आए।

कृष्णजन्मोत्सव पर जमकर थिरकते रहे लोग

श्रीमद् भागवत कथा का आज चौथा दिन विशेष रहा। भगवान श्रीकृष्ण कथा में आज बालरूप में अवतरित हुए और अथाह भीड़ ने भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ थिरकते नजर आये और उनका अवतरण दिवस खास ढंग से मनाया। पूरा परिसर कृष्ण जन्मोत्सव के संगीत और गीत से हर्षोल्लासित नजर आ रहा था। आज के इस उत्सव में केबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन, पूर्व केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल सहित कोरबा के कई दिग्गज कृष्ण जन्मोत्सव, रामचरित्र एवं राम का शबरी प्रेम देखने पहुंचे थे। आज पूरा कथा कक्ष खचाखच भरा हुआ था। यह दृश्य देखकर स्वयं आचार्य श्री मृदुलकांत शास्त्री अभिभूत दिखे और कहा कि यह सब राम और कृष्ण की लीला ही तो है, कि वे इतने सारे भक्तों को यहां खींच ले आए। यशोदा की गोद में कृष्ण का बालपन झांकी के रूप में काफी सुशोभित हो रहा था। आचार्यश्री ने संगीतमय कथा के माध्यम से कृष्ण का जन्म किस तरह हुआ, इसका बखान कर लोगों को भक्तिभाव के लिए प्रेरित किया और कहा कि भगवान कृष्ण ने पूरे विश्व को प्रेमयोग का पाठ पढ़ाया।

राम-शबरी, वामन अवतार की भी झांकी ने किया आकर्षित

कथा स्थल पर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी के साथ-साथ राम का शबरी से मिलन और उनकी झोपड़ी में जाना, वामन अवतार की झांकी ने भी श्रद्धालुओं को अति आकर्षित किया। सभी ने आज के इस उत्सव को अद्भूत बताया और झांकियों की पूजा अर्चना करने काफी आतुर दिखाई दे रहे थे।

लखन और जयसिंह भी पहुंचे, की पूजा अर्चना

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री वामन अवतार, श्रीराम चरित्र, श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं नंदोत्सव की विशेष कथा एवं झांकी रखी गई थी। आज का दिन काफी विशेष रहा। पूरा हाल जहां खचाखच भरा हुआ था, वहीं आज की कथा सुनने केबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन, पूर्व केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल सहित कई दिग्गज पहुंचे थे। श्री देवांगन एवं श्री अग्रवाल ने आचार्य श्री शास्त्री से आशीर्वाद लिया और ब्यास पीठ तथा भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना कर कोरबा एवं प्रदेश की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

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