Chhattisgarh

48 वर्षों से निरंतर निकल रहा महाप्रभु का रथयात्रा

0 राम मंदिर से पूरे उत्साह से निकली यात्रा

पुराना बस स्टैण्ड कोरबा में स्थित राम जानकी मंदिर में विराजमान महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापना 1976 में की गई। इसके बाद से महाप्रभु की रथयात्रा निरंतर 48 वर्षों से निकाली जा रही है जो मंदिर से निकलकर सीतामणी स्थित श्री राम मंदिर में अपने मौसी के यहां विश्राम करने पहुंचे।


कोरबा के पुराना बस स्टैण्ड में स्थित श्री राम जानकी मंदिर में विराजमान प्रभु भगवान जगन्नाथ, भाई बलदाऊ एवं बहन सुभद्रा की मूर्ति स्थापना 1976 में की गई। जहां से पहली बार प्रभु की रथ यात्रा को मंदिर के आचार्य स्व. पं. सुंदरलाल शर्मा सुकली वाले व संस्थापक स्व. रामजी लाल जायसवाल व भक्तजनों ने रथ को खींचकर यात्रा को प्रारंभ किया। निरंतर 48 वर्षों से निकल रही रथयात्रा रविवार को पुष्य नक्षत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया उत्सव 7 जुलाई रविवार को धूमधाम से मनाया गया। जायसवाल मेडिकल के संचालक व साडा कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक जायसवाल सहित पं. हेमंत दुबे व भक्तजनों ने इस दिन संध्याकाल मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलदाऊ एवं बहन सुभद्रा का विधिवत पूजा अर्चना किया गया। पुराना बस स्टैण्ड मुख्य मार्ग से भव्य रथयात्रा निकाली गई एवं एैसी मान्यता है कि इस दिन भगवान अपने मौसी जी के घर विश्राम करने के लिये जाते है। कोरबा के पुराना बस स्टैण्ड में स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर से निकाले जाने वाली रथ यात्रा में नगरजनों के अलावा भक्तगण भक्तिभाव से भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा का मार्ग में पूजा-अर्चना कर रथ को खींचने से अपने आप को रोक नहीं पाते हैं।

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