दिमागी कमजोरी पॉक्सो एक्ट की सजा में राहत का आधार नहीं : हाईकोर्ट
आजीवन कैद को कोर्ट ने बरकरार रखा
बिलासपुर । मासूम बच्ची के साथ रेप करने के आरोपी को दी गई स्वाभाविक मृत्यु तक कैद की सजा में राहत देने के लिए की गई अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
राजनांदगांव जिले में 6 साल की 5 माह की बच्ची को अपने घर पर खेलने के नाम पर उसके पड़ोसी ने बुलाया था और दरवाजा बंद कर उसके साथ रेप किया गथा। विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में आरोपी को मृत्यु पर्यन्त कैद की सजा सुनाई गई। इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की थी।
उसने कहा कि आरोपी बचपन से दिमागी रूप से कमजोर है। इसके कारण उसे मिली कठोर सजा में राहत दी जाए। शासन की ओर से बताया गया कि मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी को फिट बताया गया है। गवाहों के बयान और एसएफएल रिपोर्ट से अपराध की पुष्टि हो गई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने अपील खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट की सजा को यथावत रखा।