Chhattisgarh

विज्ञान को आम बोलचाल की भाषा में सिखाने की कला के महारथी हैं – कमलाकर जी

जांजगीर, 18 जून । रसायन विज्ञान यदि इसकी परिचर्चा बच्चों के बीच होती है तो अधिकांश बच्चे इस बात से परेशान रहते हैं कि हम इस रसायन विज्ञान की कुंजी का हल कैसे निकाल पाएंगे। उनकी इस समस्या को दूर करने का सफल प्रयास करते हुए नजर आते हैं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा के रसायन विज्ञान के युवा व्याख्याता मकरम कमलाकर ।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का परिणाम जांजगीर जिले के लिए सुखद नहीँ था, वही शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा के व्याख्याता कमलाकर ने रसायन को अपने व्याख्यान से इतना सरल और सहज कर दिया कि विज्ञान विषय के अधिकांश* छात्रों ने इसमें महारत हासिल की। बच्चों को महारथी बनाने वाले शिक्षक मकरम जी ही थे, वे बताते हैं कि विज्ञान एक ऐसा ज्ञान है जिसको एकाएक हम पाठ्य पुस्तकों के द्वारा ग्रहण नहीं कर सकते इस विज्ञान के ज्ञान को सहज बनाने के लिए आवश्यक है लर्निंग बाई डूइंग की पद्धति इसके अंतर्गत बच्चों को स्वयं करके सीखने पर बल दिया जाता है। मैं जब यहां के विद्यालय में आया तब मैंने देखा की प्रयोगशाला का अभाव था जिसके कारण बच्चे अध्ययन करते तो थे परंतु वे उस अध्ययन को करके नहीं देख पाते थे, प्राचार्य संदीप श्रीवास्तव के सहयोग से एक आधुनिक लाइब्रेरी का गठन किया और अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मैं बच्चों तक ज्ञान को उन तक पहुंचा पाने में सफल रहा हूं। मकरम जी की सफलता के विषय में विद्यालय के प्राचार्य संदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि कुछ करने की ललक लोगों को दूसरे से आगे बढ़ा पाती है और कमलाकर सर जी की यह ललक ही बच्चों के बीच उनको लोकप्रिय कर रही है मकरम सर जी के विषय मेंव्याख्याता महावीर जी कहते हैं की मुझे खुशी होती है जब हमारे सर जी बच्चों के बीच बैठकर सहज रूप से विज्ञान का ज्ञान बताते रहते हैं। 12वीं के छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि हमको रसायन में जो अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं वह कमलाकर सर की देन है उन्होंने हमें पाठ्य पुस्तकों से अलग जाकर पढ़ने की कला सिखाई। कक्षा 12वीं के छात्र रूपेश कुमार और भूपेंद्र कुमार कश्यप ने भी कमलाकर सर के माध्यम से रसायन विज्ञान को आम भाषा में समझ पाने की सफलता प्राप्त की। *कक्षा 12 वी की छात्रा मनोरमा ने बताया की कमलाकर जी के विज्ञान विषय में अनुभव का लाभ हमे सहज रूप में मिल रहा है। विद्यालय में राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता अनुराग तिवारी वरिष्ठ व्याख्याता लोकपाल जी, अवधेश शर्मा जी, उमेश चौबे जी, काजल कहरा, संगीता सिंह, चन्द्रवती रात्रे, कमल किशोर, दौलत राम थवाइत, नर्मदा कौशिक, आशुतोष राठौर, भुनेश्वर कश्यप सहित सभी लोगो ने कमलाकर सर जी की प्रशंसा व्यक्त की है।

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