केजरीवाल राहुल गांधी से तो बेहतर नेता हैं…
राजनीति में सारे राजनीतिक दल यही करते हैं जब वह कोई अच्छा काम करते हैं तो चाहते हैं कि जनता व मीडिया का पूरा ध्यान उसके अच्छे कामों की तरफ रहना चाहिए। जब भी उनके बुरे काम सामने आते हैं, कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है तो उनकी कोशिश होती है कि जनता का ध्यान उसकी तरफ न रहे क्योंकि जनता का ध्यान उसकी तरफ रहेगा तो वह उसके बुरे कामों के बारे में जानेगी, चर्चा करेगी। इससे चुनाव है तो चुनाव में राजनीतिक नुकसान होगा। ऐसे में सारे राजनीतिक विरोधी की बुरी बातों की ओर, विरोधी के किए गए भ्रष्टाचार की और जनता का ध्यान करने की कोशिश करते हैंं।
जेल से छूटन के बाद केजरीवाल ने भी यही किया है। वह जानते थे कि यदि वह जनता व मीडिया का ध्यान किसी दूसरी तरफ नहीं करेंगे तो उनका पूरा ध्यान केजरीवाल व उसके नेताओं के किए भ्रष्टाचार की ओर जाएगा। यही चर्चा होगी कि केजरीवाल जेल मेें क्यों गए थे, जेल से अंतरिम जमानत किस मामले में मिली है। कुल मिलाकर जनता व मीडिया का ध्यान दिल्ली के शराब घोटाले की ओर जाता, उसी की चर्चा होती।जनता व मीडिया का ध्यान दिल्ली के शराब घोटाले की ओर न जाए, जनता व मीडिया में दिल्ली के शराब घोटाले की चर्चा न हो इसके लिए जरूरी था कि केजरीवाल ऐसा कुछ कहें जो जनता व मीडिया के बीच खूब चर्चा का विषय रहे।
यही वजह है कि जेल से छूटने के बाद केजरीवाल ने पीएम मोदी व भाजपा के बारे बातें की। आने वाले समय में पीएम मोदी क्या करनेवाले हैं, भाजपा में क्या होने वाला है। यह तो सब जानते हैं कि पीएम मोदी क्या करने वाले है यह तो कोई जान नहीं पाता है। इस आधार पर तो केजरीवाल को भी पता नहीं हो सकता कि पीएम मोदी आनेवाले दिनों में क्या करने वाले हैं, लेकिन वह झूठ तो बोल ही सकते हैंं। ऐसा झूठ जिसकी चर्चा पहले भी मीडिया में होती रही है।जैसे पीएम मोदी ७५ के बाद रिटायर हो जाएंगे,उनके बाद पीएम कौन बनेगा, अमित शाह या योगी आदित्यनाथ ।
इसी बात को आधार बनाकर केजरीवाल ने कहा कि अगले दो महीने में पीएम मोदी योगी को हटा देंगे। शाह का पीएम बनाएंगे। जब पीएम मोदी पीएम नहीं रहने वाले हैं तो उनकी गारंटी को कौन पूरा करेगा। केजरीवा ऐसा कहकर जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि मोदी की गारंटी का कोई मतलब नही हैं, उस पर जनता को यकीन नहीं करना चाहिए। जनता को मोदी व भाजपा को वोट नहीं देना चाहिए। केजरीवाल के बयान के बाद जनता व मीडिया में मोदी,योगी व शाह की चर्चा रही।
भाजपा इस बात का कोई जवाब नहीं देती तो कोई फर्क नहीं पड़ता। भाजपा नेताओं ने केजरीवाल के सवालों को जवाब दिया तो केजरीवाल और भी चर्चा में रहे। केजरीवाल के बहाने अमित शाह ने देश को बता दिया कि केजरीवाल सहित विपक्ष के नेता तो नरेद्र मोदी के रिटायरमेंट की बात करेंगे तो ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है।
सुनिल पीएम मोदी तीसरी बार भी पीएम बनेंगे तथा अगले लोकसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
इसका परिणाम यह हुआ कि अपने बयान के चर्चा में रहे केजरीवाल अमित शाह के बयाने के बाद भी चर्चा में रहे। पूरे दिन मीडिया में व जनता में केजरीवाल की चर्चा रही। राहुल गांधी आउट आफ फोकस रहे। केजरीवाल जब तक जेल में थे, राहुल गांधी की विपक्ष के नेता के तौरपर राेज चर्चा में रहते थे। केजरीवाल के बाहर आने के बाद राहुल गांधी को नुकसान यह हुआ है कि वह चर्चा में ही नहीं रहे। यह भी कह सकते हैं कि आप ने चाहा कि राहुल गांधी की आज कोई चर्चा न हो, इसमें केजरीवाल का एक तरह से सहयोग भाजपा ने भी किया।
आने वाले दिनों में हो सकता है कि केजरीवाल खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में पेश करें। विपक्ष के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पेश करें। वह खुद को मोदी के विकल्प के रूप मे पेश करें। हो सकता है कि भाजाप भी इसमें आप का सहयोग करे ताकि राहुल गांधी विपक्ष के सर्वमान्य नेता न मानें जाए। केजरीवाल भी राहुल गांधी के सामने एक बड़े व सर्वमान्य नेता माने जाए।
इसका परिणाम यह हुआ कि अपने बयान के चर्चा में रहे केजरीवाल अमित शाह के बयाने के बाद भी चर्चा में रहे। पूरे दिन मीडिया में व जनता में केजरीवाल की चर्चा रही। राहुल गांधी आउट आफ फोकस रहे। केजरीवाल जब तक जेल में थे, राहुल गांधी की विपक्ष के नेता के तौरपर राेज चर्चा में रहते थे। केजरीवाल के बाहर आने के बाद राहुल गांधी को नुकसान यह हुआ है कि वह चर्चा में ही नहीं रहे। यह भी कह सकते हैं कि आप ने चाहा कि राहुल गांधी की आज कोई चर्चा न हो, इसमें केजरीवाल का एक तरह से सहयोग भाजपा ने भी किया।
आने वाले दिनों में हो सकता है कि केजरीवाल खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में पेश करें। विपक्ष के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पेश करें। वह खुद को मोदी के विकल्प के रूप मे पेश करें। हो सकता है कि भाजाप भी इसमें आप का सहयोग करे ताकि राहुल गांधी विपक्ष के सर्वमान्य नेता न मानें जाए। केजरीवाल भी राहुल गांधी के सामने एक बड़े व सर्वमान्य नेता माने जाए।